रविवार, 5 फ़रवरी 2012

तुम्हें क्या-क्या बना दूं....

तुम अभी 10th  का exam  देने जा रहे हो..रात-दिन बस तुम्हारे ही बारे में सोचती रहती हूँ..जीवन में जैसे बस तुम्ही रह गए हो आजकल..तुम कैसे पढ़ो कि; तुम्हारे अच्छे marks  आ जाएँ..आगे कौन सी line  में जाना है..तुम कौन सा carrier चुनोगे..तुम क्या बनोगे.. तुम्हें maths  में रूचि नहीं; 'हाय राम! अब क्या होगा?' बिना गणित तुम क्या करोगे? उसकी field तो बहुत बड़ी है. फिर? अच्छा तुम biology  लेना चाहते हो..चलो ठीक है..अब तो तुम्हारे पास सीमित field है...चलो ऐसे तैयारी करो कि 10th  में 100 % तो ले ही आओ..अच्छा चलो थोडा discount ...लेकिन पढ़ो तो!.......

अच्छा!!! अगर तुम डॉक्टर बनना चाहते हो तो कौन सा interance  exam  दोगे?.. कौन सी को coaching  में डालू तुम्हे?  उफ़! कौन से डॉक्टर बनोगे? orthopedic ? हाँ! ये सही रहेगा...मुझे हड्डियों की बहुत problem  है...

फिर सोचती हूँ कि क्या इतनी मेहनत कर पाओगे ? इतने नाज़ुक से मेरे लाडले हो....अच्छा ऐसा करती हूँ कि तुम्हे कुछ और बना देती हूँ, जैसे "lecturer "....हाँ! यह  थोड़ी आराम की नौकरी रहेगी...तुम्हे music  का भी शौक है...इस नौकरी के साथ वह भी पूरा हो जाएगा ...लेकिन पढ़ो तो सही...अच्छे marks  आयेंगे तभी तो आगे कुछ होगा...

एक अकेले तुम......... तुम्हे जाने क्या-क्या बना देना चाहती हूँ....सिर्फ मैं ही तुम्हे नहीं बल्कि हर तुम्हारी age -group  वाले बच्चे की माँ शायद इस समय इसी सपने को देख रही है, क्योंकि तुम्ही लोग हो हमारा सम्मान हो .हमारा 'अस्तित्व' हो ...तुमसे कुछ माँग थोड़े ही रही हूँ.तुम तो दोगे ही ये सम्मान..कुछ भी बनो अपनी ईमानदारी और मेहनत से बनो ..हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं...




8 टिप्‍पणियां:

  1. कल 06/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. आमीन ... बच्चे अछे इंसान बने इससे बढ़ के माँ बाप को क्या चाहिए ...

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  3. मांएं सच में ऐसी ही होती हैं, बच्चों की सफलता, कुशलता की कामना कराती हुईं ..... शुभकामनायें

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  4. ytharth rachna....maa ki shubhkamna,lalak,laad sab bachhon ke sath judi rahti hain...

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  5. maa ki lalak,shubhkamna,abhiman,samman,swapan sab jude hote hai bachhon se...sundar rachna...

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  6. पिता भी ऐसे ही होते हैं रागिनी जी, मुझे भी अपने अस्तित्व से बस यही आकांक्षा है।

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  7. पिता भी ऐसे ही होते हैं रागिनी जी, मुझे भी अपने अस्तित्व से बस यही आकांक्षा है।

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  8. माए तो ऐसा ही सोचती है की उनका बच्चा बहुत बड़ा आदमी बन जाए..सच माँ के भावो बहुत अच्छे से व्यक्त किया है
    सार्थक अभिव्यक्ति ...

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