बुधवार, 4 अप्रैल 2012

'आओ खेलें भ्रष्ट-भ्रष्ट'

चलो आज नेता बन जाएँ 
फिर इस देश की बैंड बजाएँ;
सबको कर दें त्रस्त-त्रस्त
'आओ खेलें भ्रष्ट-भ्रष्ट'....


एक घोटाला तुम करो 
फिर एक घोटाला मैं करूं;
अखबारों में छपे सुर्खियाँ 
see -saw see -saw हम करें....


कसम खाएँ माँ-बाप की
एक 'प्रेस कांफ्रेंस' करें;
खेल चले बराबर का 
मिल-बाँट रुपैया हजम करें....


मढ़कर दोष किसी माथे पर
अपनी छवि उजली बनवाकर ;
कितने ही murder करवाकर 
कर दें सब कुछ अस्त-व्यस्त.....


देश का करके बंटाधार
खुद ही बन जाएँ कर्णधार;
हम तो हो जाएँ मस्त-मस्त
आओ; फिर खेलें भ्रष्ट-भ्रष्ट.....







9 टिप्‍पणियां:

  1. सराहनीय पोस्ट, आभार.

    कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारें

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  2. ji di sahi hai aaj har taraf gohtaala hai jo ameer hai vo ameer bante ja rehe hai

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  3. कसम खाएँ माँ-बाप की
    एक 'प्रेस कांफ्रेंस' करें;
    खेल चले बराबर का
    मिल-बाँट रुपैया हजम करें....वाह , कटाक्ष प्रशंसनीय है

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  4. ये नेता ऐसे खेल खेलते रहे तो घर घर ये खेल पहुँच जायगा ... इसे यही पे रोकने का प्रयास करना होगा ..

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  5. नेताओं के खेल आप ना खेलें तो अच्छा होगा :)

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