शुक्रवार, 1 मार्च 2013

प्यार, इश्क, मुहब्बत ......

अधूरे हर्फ़ 
प्यार,
इश्क,
मुहब्बत ......

अधूरा प्रेम 
लैला,
हीर,
सोहिनी .......

अधूरी जिंदगी 
मँजनू,
राँझा,
महिवाल ......

सब अधूरा 
परन्तु; 
छाप 
अमिट ......


ना मिले; 
मीरा 
और 
कृष्ण भी तो ......

परन्तु; 
पूर्ण प्रेम,
पूर्ण 
एकात्मकता ......

ना हुये; 
कान्हा भी तो 
राधा  
के  .........

परन्तु; 
जीवंत 
अद्यतन; वह 
प्रेम, वह पूर्णता .. .....

क्योंकि; 
प्रेम नहीं 
कभी भी 
अधूरा .......

करता वह 
परिपूर्ण; 
समस्त 
भावनाओं से .....


पढ़ाता,
मनुजता का 
पाठ 
सबको ......






....................................डॉ . रागिनी मिश्र ................