रविवार, 11 मार्च 2012

"r u there "?......

मेरे inbox  में पड़ा तुम्हारा सन्देश.......
'क्या हुआ
r  u there "?.....
"where r u ????????"
आज मुझे चिढ़ा रहा है,
खूब रुला रहा है,
जितनी पीड़ा ताउम्र  नहीं मिली,
उससे ज्यादा आज तड़प
एक पल में पा ली....
जीवन भर न मिट पानेवाली
ग्लानि पा ली.....


मैं रुक न सकी दो पल,
और तुम इतनी आगे निकल गए...
मेरे उत्तर की प्रतीक्षा भी न कर सके?
मेरा जवाब तो सुन लेते,
जाते-जाते कुछ तो कह जाते .
आज बार-बार मैं msg कर रही हूँ..
'क्या हुआ, r u there ?'
कोई जवाब नहीं...
अब; कभी कोई जवाब नहीं...
जीवन भर पूछती ही रह जाऊँगी
पर अब कभी कोई जवाब न पाऊँगी 
क्यों न इंतज़ार कर सकी उस पल
और अब इंतज़ार हर पल
अविराम........



9 टिप्‍पणियां:

  1. itni marmik prastuti.......aankho me samunder sa umad aaya hai..........

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  2. बेहद हृदयस्पर्शी प्रस्तुति रागिनी जी

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  3. कभी कभी बीता वक़्त लौट के नहीं आता ...
    खूबसूरत अलफ़ाज़ हैं ...

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  4. लिखा तो बहुत अच्छा है ....पर ऐसा क्यों ???

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  5. बहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...

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  6. सुन्दर....
    कभी कभी मन भावावेश में गलत फैसले ले लेता है....

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