मेरे inbox में पड़ा तुम्हारा सन्देश.......
'क्या हुआ
r u there "?.....
'क्या हुआ
r u there "?.....
आज मुझे चिढ़ा रहा है,
खूब रुला रहा है,
जितनी पीड़ा ताउम्र नहीं मिली,
उससे ज्यादा आज तड़प
एक पल में पा ली....
जीवन भर न मिट पानेवाली
ग्लानि पा ली.....
मैं रुक न सकी दो पल,
और तुम इतनी आगे निकल गए...
मेरे उत्तर की प्रतीक्षा भी न कर सके?
मेरा जवाब तो सुन लेते,
जाते-जाते कुछ तो कह जाते .
आज बार-बार मैं msg कर रही हूँ..
'क्या हुआ, r u there ?'
कोई जवाब नहीं...
अब; कभी कोई जवाब नहीं...
जीवन भर पूछती ही रह जाऊँगी
पर अब कभी कोई जवाब न पाऊँगी
क्यों न इंतज़ार कर सकी उस पल
और अब इंतज़ार हर पल
अविराम........
एक पल में पा ली....
जीवन भर न मिट पानेवाली
ग्लानि पा ली.....
मैं रुक न सकी दो पल,
और तुम इतनी आगे निकल गए...
मेरे उत्तर की प्रतीक्षा भी न कर सके?
मेरा जवाब तो सुन लेते,
जाते-जाते कुछ तो कह जाते .
आज बार-बार मैं msg कर रही हूँ..
'क्या हुआ, r u there ?'
कोई जवाब नहीं...
अब; कभी कोई जवाब नहीं...
जीवन भर पूछती ही रह जाऊँगी
पर अब कभी कोई जवाब न पाऊँगी
क्यों न इंतज़ार कर सकी उस पल
और अब इंतज़ार हर पल
अविराम........
itni marmik prastuti.......aankho me samunder sa umad aaya hai..........
जवाब देंहटाएंबेहद मार्मिक
जवाब देंहटाएंसादर
हृदयस्पर्शी भाव
जवाब देंहटाएंबेहद हृदयस्पर्शी प्रस्तुति रागिनी जी
जवाब देंहटाएंकभी कभी बीता वक़्त लौट के नहीं आता ...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अलफ़ाज़ हैं ...
लिखा तो बहुत अच्छा है ....पर ऐसा क्यों ???
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसुन्दर....
जवाब देंहटाएंकभी कभी मन भावावेश में गलत फैसले ले लेता है....
ekdam sahi kaha hai....kabhi -kabhi aisa bhi hota hai:-)
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